Coching and Gov School: कोचिंग और सरकारी स्कूल क्या है। : भारत में दो तरह के पढ़ाई स्कूल चलाए जाते हैं। पहला भारत सरकार द्वारा सरकारी स्कूल और दूसरा प्राइवेट संस्था द्वारा पढ़ाई स्कूल प्राइवेट स्कूल संस्था। लेकिन इन दोनों के बीच में एक और संस्था चलती है जिसे ट्यूशन या कोचिंग के नाम से जाना जाता है। आजकल यह कोचिंग बहुत ही ज्यादा मात्रा में चल रही है। बच्चे सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर कोचिंग संस्थाओं में पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन क्यों यही बताने की कोशिश करेंगे हम आपको आज के इस आर्टिकल मैं इसलिए इसे अंत तक जरूर पढ़ें।
Government school
दोस्तों हम सभी के घर में बच्चे हैं। बच्चों की अच्छा शिक्षा के लिए हम लोग प्राइवेट स्कूल या सरकारी स्कूल का सिलेक्शन करते हैं। सरकारी स्कूल सरकार द्वारा चलाए गए एक फ्री माध्यम होता है लोगों के लिए। जहां पर सरकारी स्कूल के शिक्षक को सरकार द्वारा पेमेंट दिए जाते हैं। तब सरकारी स्कूल के शिक्षक बच्चों को फ्री में पढ़ाते हैं। दोस्तों हम लोग तो यह सभी जानते हैं कि एक सही जीवन जीने के लिए सही शिक्षा का होना बहुत ही जरूरी है। इसलिए अगर आप शिक्षित है। आपके जीवन की बहुत सी उलझन है सुलझ जाती है। ऐसे ही आज के बच्चों के लिए शिक्षा बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।
सरकारी स्कूल में लोग अपने बच्चों को भेजने से कतराते हैं। क्योंकि उनका मानना है कि सरकारी स्कूल में अच्छी शिक्षा का प्रावधान नहीं है। लेकिन आपको बता दें दोस्तों प्राइवेट स्कूल में जो सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है उससे कहीं बेहतर सुविधाएं सरकारी स्कूल में दी जाती है। सरकारी स्कूल के नियम कानून थोड़े से अलग होते हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ इंटरटेनमेंट भी कराई जाती है जिससे बच्चे नैतिक शिक्षा से भी जुड़े रहते हैं। सरकारी स्कूल में पढ़ाई फ्री होती है इसलिए इसको लेकर कई तरह की अवधारणाएं बनती है।
Private school
भारत में गवर्नमेंट स्कूल के अलावा एक और पढ़ाई के क्षेत्र में एक संस्था चलाई जाती है। जिसे प्राइवेट स्कूल कहा जाता है। प्राइवेट स्कूल के नियम सरकारी स्कूल से थोड़े अलग होते हैं। प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को शिक्षा फ्री में उपलब्ध नहीं कराई जाती है। क्योंकि प्राइवेट स्कूल संस्था एक आम इंसान द्वारा चलाई जाती है। जिसमें अच्छी सुविधा के साथ-साथ अच्छी पढ़ाई पर भी ध्यान दे जाती है। लेकिन दोस्तों प्राइवेट स्कूल शुरू करने से पहले सरकार से मान्यता प्राप्त करनी पड़ती है तभी आप प्राइवेट स्कूल चला सकते हैं। प्राइवेट स्कूल में जो टीचर बच्चों को पढ़ाते हैं उनकी फीस प्राइवेट स्कूल के मुख्य संस्था देती है। जिसे हम एक सरकारी स्कूल के टीचर की सैलरी से कंपेयर नहीं कर सकते हैं।
Coaching center
भारत के शुरू में भारत में दो ही तरह के पढ़ाई के संस्था चलाए जाते थे प्राइवेट और सरकारी। लेकिन आज के दौर में एक नया पढ़ाई का चलन चल चुका है जिसे हम आज के समय में कोचिंग सेंटर के नाम से जानते हैं। कोचिंग सेंटर एक ऐसी संस्था है जहां पर आप को कुछ समय के लिए पढ़ाए जाते हैं। इस संस्था को हम प्राइवेट स्कूल के संस्था से कंपेयर कर सकते हैं। लेकिन फिर भी सरकारी स्कूलों में बच्चों को टाइम टू टाइम सिलेबस के अनुसार पढ़ाए जाते हैं। लेकिन कोचिंग संस्थान कोई तरह के होते हैं। कोई कोचिंग संस्थान एक स्पेशल सब्जेक्ट के लिए चलाए जाते हैं। तो कई कोचिंग संस्थान एक साथ सभी सब्जेक्ट को पढ़ाने के लिए चलाए जाते हैं।
जब से देश में कौन आया है तब से कोचिंग संस्थान काफी भारत में बढ़ गए हैं। अब लोग सरकारी संस्थाओं को छोड़कर बच्चों को कोचिंग सेंटर में भेजना शुरू कर दिया है। कोचिंग संस्थान कुछ घंटों में सभी विषयों या फिर 1 विषयों की तैयारी कर आते हैं। जहां बहुत ही कम फीस में बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पा रहे हैं। शायद इसीलिए आजकल कोचिंग संस्थान अधिक मात्रा में चल रही है। दोस्तों कोचिंग संस्थान को लेकर आपकी क्या राय है नीचे हम कमेंट करके जरूर बताइए।
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